आधारताल थाना क्षेत्र में सिंगरौली में पदस्थ आरक्षक महिला द्वारा अपने ही देवर पर बलात्कार किए जाने के प्रयास का मामला दर्ज करवाने के बाद आज महिला के ससुराल पक्ष के लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और उन्होंने पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस के आला अधिकारियों को बताया कि उनकी आरक्षक बहू जायदाद अपने नाम करने के लिए लगातार उन लोगों से वाद-विवाद किया करती थी। लेकिन उन लोगों द्वारा मकान का बंटवारा करने से मना करने के उपरांत उनकी आरक्षक बहू ने उनके बेटे और अपने देवर पर बलात्कार के प्रयास का मामला दर्ज करवा दिया। पूरे मामले की जानकारी देते हुए अन्नपूर्णा उपाध्याय ने बताया कि उनकी बहू पुलिस में आरक्षक है जो वर्तमान में सिंगरौली जिले में पदस्थ है। उन्होंने बताया कि आरक्षक बहू आए दिन जायदाद अपने नाम कराने को लेकर विवाद किया करती थी। वही स्वयं को पुलिस में होने के चलते परिवार के लोगों को झूठे मामले में फंसाने की धमकियां दिया करती थी। अन्नपूर्णा उपाध्याय कहती हैं कि उनका बेटा बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। जो कोरोना के चलते वर्क फ्रॉम होम कर रहा था। घटना के दिन भी उनकी आरक्षक बहू पूरी तैयारी के साथ आई और परिवार वालों के साथ विवाद करने लगी परिवार के सदस्यों नेजा जा उसके नाम करने से मना किया तो वह तुरंत अधारताल थाने पहुंची और झूठे बलात्कार के प्रयास की शिकायत दर्ज करवा दी इन्होंने एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस के आला अधिकारियों सेअपने बेटे को न्याय दिलाने की मांग की है। गौरतलब है कि पूर्व से ही यह मामला संदिग्ध नजर आ रहा था लेकिन चुकी महिला स्वयं पुलिसकर्मी है इसलिए अधारताल पुलिस ने भी मामले में उचित जांच किए बगैर मामला दर्ज करते हुए युवक को जेल भेज दिया परिवार वालों का कहना है कि उनकी आरक्षक बहू द्वारा झूठे इल्जाम में फंसाने के बाद उनका सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटा जेल में रहकर तनाव में जी रहा है और स्वयं आत्महत्या करने की बात कह रहा है, जिस कारण परिवार के लोग दहशत में हैं उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से समूचे मामले की जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है।