जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निधन के बाद संस्कारधानी में उनके हितेषी हो मैं भी शोक की लहर देखने को मिली वही शरद यादव का जबलपुर शहर से एक गहरा नाता रहा है जहां आपको बता दे होशंगाबाद के एक छोटे से गाँव मे किसान परिवार में जन्मा एक सूर्य जिसने अपने प्रकाश की रोशनी से जबलपुर को बहुत कुछ दिया वही सूर्य अचानक अस्त होने के बाद जबलपुर में शोक की लहर छाई हुई है,हम बात कर रहे है एक मामूली से किसान परिवार में जन्मे शरद यादव की जिन्होंने संस्कारधानी को बहुत कुछ दिया वही गुरुग्राम के अस्प्ताल में 75 साल की उम्र में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी,जैसे ही ये खबर जबलपुर पहुँची शोक की लहर चारो तरफ फैल गयी,
शरद यादव की पढ़ाई और राजनैतिक सफर जबलपुर से शुरू हुआ और दिल्ली से लेकर पूरे देश मे एक आयाम उन्होंने कायम किया ,जहा जबलपुर के इंजीनियर कालेज में उन्हीने पढ़ाई की और 1971 में छात्र संघ के अध्यक्ष बने वही उसके बाद राम मनोहर लोहिया की विचारधारा से वह काफी प्रभावित हुए,जहा 1974 में शरद यादव उपचुनाव जीते और लोकसभा सांसद बने वही सांसद बनने के बाद शरद यादव ने संस्कारधानी को कई सौगात दी जिसमे डुमना एयरपोर्ट,महाकोशल ट्रेन,एफसीआई गोडाउन से लेकर बहुत कुछ दिया,वही आज भी शहर से जुड़ी उनकी किस्से यहाँ दिखाई देती है,जिसमे मालवीय चौक में अपने साथियों के साथ खड़े होकर राजनीति पर चर्चा करना तो वही अपने साथियों के साथ देव मंगोड़े के यह रोजना मंगोड़े खाना वही आज भी देव मंगोड़े की दुकान में शरद यादव की तस्वीरें उन दिनों को ताजा कर्त्ति है,
वही जबलपुर से शरद यादव ने बिहार का रुख किया और जनता दल यू पार्टी की स्थापना की और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने,संसद रहते हुए उन्होंने कई अहम मुद्दों को संसद में उठाया,
जहा आज देश के साथ साथ संस्करधानी ऐसे किसान परिवार के बेटे को शत शत नमन करती है।