कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारो… जबलपुर में रहने वाले इनायत अली खुदा के रूप में एक ऐसे इंसान हैं जो ऐसे गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं जिन्हे मरने के बाद उनके परिवार का साथ भी नसीब नहीं हो पाता. ख्वाजा गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली को शासकीय जिला चिकित्सालय से सूचना मिली की वार्ड नंबर 6 में भर्ती लक्ष्मण रजक की बिमारी के चलते मौत हो गई. मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था खून के रिश्ते की एक बहन थी लेकिन उसके पास भी अपने भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे. इनायत अली को जैसे ही इसकी जानकारी मिलती हैं वो तुरंत अस्पताल पहुंचते हैं मृतक के शव को लेकर रानी ताल मुक्ति धाम पहुंचकर उसका हिन्दू रितिरिवाज से अंतिम संस्कार करते हैं. इनायत अली ये कार्य कर मानव जाति के लिए एक मिशाल पेश कर रहे हैं.