जिन बच्चों या बड़ों की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वो बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। इनमें भी विशेष रूप से बच्चे। इनमें से एक है काली खांसी जो कि एक संक्रमण रोग है और श्वसन संबंधी बीमारी है। खासकर 2-3 वर्ष उम्र के बच्चों में काली खांसी अधिक देखी जाती है। काली खांसी को अंग्रेजी में पर्टुसिस और वूपिंग कफ कहा जाता है। वहीं, इसे स्थानीय भाषा में कुकुर खांसी के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में कई बार खांसते-खांसते दम फूलने लगता है। आंखें लाल हो जाती हैं। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी रहने पर चिकत्सक से जरूर सलाह लेनी चाहिए। आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चों को इस बीमारी से आराम दिलाने का काम करेंगे।तुलसीकाली खांसी में तुलसी का इस्तेमाल काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लडऩे और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप 10’2 तुलसी के पत्तों को पीस लें। अब इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। बच्चे को दिन में 3-4 गोली खाने को दें।मुलेठीमुलेठी में ग्लाइसिराइजिक एसिड होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें डीमुलसेंट घटक होते हैं जो उत्तकों का इलाज करते हैं। काली खांसी के कारण उत्तकों को काफी नुकसान पहुंचता है।मुलेठी से इलाज के लिए सबसे पहले एक कप पानी को गर्म करें और उसमें एक बड़ा चम्मच मुलेठी का पाउडर डालें। मिश्रण को पांच मिनट तक गर्म होने को रख दें। अब बर्तन को गैस से हटाएं और दस मिनट के लिए ऐसे ही रहने दें। फिर मिश्रण को छानकर पी जाएं। इस प्रक्रिया को कुछ दिनों तक पूरे दिन में दो से तीन बार दोहराएं। अदरकअदरक का उपयोग स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी किया जा जाता है। इससे जुड़े एक शोध में पाया गया कि अदरक ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबैक्टीरियल प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। वहीं, काली खांसी का बैक्टीरिया भी एक ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया ही है, इसलिए माना जा सकता है कि अदरक काली खांसी के बैक्टीरिया से लडऩे का काम कर सकता है। इलाज के लिए अदरक का पेस्ट बना लें। पेस्ट से अदरक का रस निकालें और इसका रोजाना सेवन करें। स्वाद के लिए इसमें आधा चम्मच शहद मिला सकते हैं।एसेंशियल ऑयलएसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल काली खांसी से राहत पाने के लिए फायदेमंद हो सकता है। पुदीना और लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लडऩे में मददगार हो सकते हैं। बच्चे को काली खांसी होने पर बादाम या जैतून के तेल में पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल डालकर पीठ और छाती की हल्की मालिश करें।बादामबच्चों की काली खांसी खत्म करने के लिए तीन-चार बादाम रात में पानी में भिगाकर रख दें। सुबह बादाम के छिलके उतार लें। इसे एक कली लहसुन और थोड़ी सी मिश्री के साथ पीस लें। तैयार पेस्ट की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर बच्चे को खिलाएं। इससे खांसी में आराम मिलेगा। काली खांसी के लक्षण आमतौर पर 5’0 दिनों के भीतर संक्रमित होने के बाद विकसित होते हैं। कभी-कभी काली खांसी के लक्षण 3 सप्ताह तक विकसित नहीं होते हैं।लहसुनलहसुन सर्दी, जुकाम और खांसी के इलाज के लिए फायदेमंद है। काली खांसी से छुटकारे के लिए लहसुन की 5-6 कलियों को छीलकर बारीक काट लें। उन्हें पानी में उबाल लें। इस पानी से भाप लें। रोज ऐसा करने से 8’0 दिन में काली खांसी खत्म हो जाती है।हल्दीहल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो काली खांसी का इलाज करने में मदद करते हैं। इसमें इलाज करने वाले गुण होते हैं जो खांसी के लिए प्रभावी होते हैं, खासकर सूखी खांसी। हल्दी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है और शरीर में मौजूद इन्फेक्शन से लड़ती है। इसके लिए एक ग्लास गर्म दूध में हल्दी मिला लें। मिलाने के बाद दूध को पी जाएं। इस उपाय को पूरे दिन में दो बार करें।अजवाइनअजवाइन के फायदे काली खांसी का घरेलू इलाज करने में भी लाभदायक हो सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि यह सामान्य कफ से लेकर काली खांसी में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है। वहीं, अजवाइन में एंटी बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होता है। ऐसे में यह काली खांसी के बैक्टीरिया से लडऩे का काम भी कर सकता है। इलाज के लिए पानी में अजवाइन डालें। इसके बाद अच्छे से उबाल लें। अजवाइन से निकले पीले पानी को पी लें।