जबलपुर के रामपुर छापर के एकलव्य विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की वजह से 470 बच्चों की जान आफत में पड़ गई इन सभी बच्चों ने शाम का खाना खाया था इसके बाद इनका जी मछलाना शुरू हो गया कुछ बच्चों को उल्टियां होना शुरू हो गई और देखते ही देखे यहां स्थिति बिगड़ने लगी जैसे ही इस घटना की जानकारी हॉस्टल प्रबंधन को लगी तो हॉस्टल प्रबंधन इतने सारे बच्चों के एक साथ बीमार होने पर कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं था तब आज पड़ोस के लोगों ने और स्थानीय पार्षद और दूसरे लोगों ने मदद की और बच्चों को हॉस्टल से अस्पतालों तक पहुंचाया गया इनमें से कुछ बच्चों को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है और ज्यादातर को सरकारी अस्पतालों में मेडिकल और विक्टोरिया अस्पताल लेकर जाया गया जहां इनकी जांच की गई कुछ बच्चों को तुरंत इलाज के बाद वापस हॉस्टल भेज दिया लेकिन बहुत सारे बच्चों को अभी भी भर्ती किया गया है इनमें से कुछ बच्चों की हालत ज्यादा खराब है उनको लेकर अभी चर्चा चल रही है स्थानीय कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने मांग की है कि जिन आठ बच्चों की हालत ज्यादा खराब है उन्हें एयरलिफ्ट करवरकर दिल्ली भेजा जाए और वहां पर उन्हें अच्छा इलाज दिया जाए मौके पर प्रशासन की टीम भी पहुंच गई है और बच्चों के इलाज की व्यवस्था को देखा जा रहा है लेकिन इस घटना ने आदिवासी हॉस्टल्स में सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी है एक अभिभावक ने आरोप लगाया है कि बी लगातार कई दिनों से कह रहे थे की हॉस्टल में खाना बहुत घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा है लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं मानी और आज परिणाम सभी के सामने है जबलपुर के , पूर्व सीएमएचओ , मनीष मिश्रा का कहना है कि सभी बच्चों को अच्छा इलाज दिया जा रहा है और जल्द ही बच्चों की तबीयत ठीक हो जाएगी, लगभग 102 बच्चे फूड प्वाइजनिंग शिकार हुए हैं।
Byte – मनीष मिश्रा सीएमएचओ पूर्व
जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट