32.5 C
Jabalpur
September 22, 2023
सी टाइम्स
राष्ट्रीय हेडलाइंस

केस रद्द करने की नायडू की याचिका पर फैसला सुरक्षित (लीड-1)

अमरावती, 19 सितंबर । आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट ने मंगलवार को कौशल विकास निगम घोटाले में टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू के केस को रद्द करने की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। पूर्व सीएम वर्तमान में इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

अदालत ने पूरे दिन दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। नायडू की ओर से पेश हुए हरीश साल्वे ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश कीं। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष की ओर से सिद्धार्थ लूथरा ने भी मामले की पैरवी की।

सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी और मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश कीं। नायडू के वकील ने तर्क दिया कि पूर्व सीएम के खिलाफ मामला आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीति से प्रेरित है।

वकील ने अदालत को बताया कि सीआईडी ने नायडू को गिरफ्तार करने से पहले राज्यपाल से पूर्व अनुमति नहीं ली थी, जैसा कि संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत जरूरी था। उन्होंने बताया कि मामले में धारा लागू की गई क्योंकि पीसी अधिनियम में 2018 में संशोधन किया गया था, जबकि एफआईआर 2021 में दर्ज की गई थी।

अदालत को यह भी बताया कि कोई घोटाला नहीं हुआ है क्योंकि सरकार से जारी फंड से स्थापित छह कौशल विकास केंद्र अभी भी काम कर रहे हैं। इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है कि 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि छह शेल कंपनियों को भेजी गई।

नायडू के वकील ने यह भी बताया कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत थे तो सीआईडी दो साल तक क्या कर रही थी? हालांकि, अतिरिक्त महाधिवक्ता और रोहतगी ने कहा कि पीसी अधिनियम की धारा 17ए लागू नहीं होती है क्योंकि सीआईडी जांच 26 जुलाई 2018 के संशोधन से पहले शुरू हुई थी। उन्होंने अदालत को छह कंपनियों का विवरण दिया।

सुनवाई के दौरान तेलुगू देशम पार्टी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार उन्हें निशाना बना रही है। उन्होंने अपनी न्यायिक हिरासत को रद्द करने और सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को भी रद्द करने का आदेश देने की मांग की थी।

नायडू को इस मामले में 9 सितंबर को नानदयाल में सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। अगले दिन विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया और बाद में उन्हें राजमुंड्री सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

विजयवाड़ा अदालत ने न्यायिक हिरासत के बजाय हाउस कस्टडी की नायडू की याचिका भी खारिज कर दी थी।

सीआईडी ने दावा किया था कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 371 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी ने कहा कि 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि, जो परियोजना के लिए सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है, निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले जारी की गई थी।

अन्य ख़बरें

जबलपुर :आशीर्वाद यात्रा के पहले तानाशाह हुई सरकार सरकार के इशारे में पुलिस ने सुबह सुबह घर से शिव यादव व कांग्रेसियों को उठाया

Newsdesk

फिल्‍म ‘न्यूटन’ के 6 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं राजकुमार राव

Newsdesk

जबलपुर : जायंट्स ग्रुप ऑफ़ जबलपुर सहेली के द्वारा आयोजित किया गया स्वास्थ्य शिविर, विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दी अहम जानकारियां |

Newsdesk

Leave a Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy