24.5 C
Jabalpur
December 11, 2023
सी टाइम्स
प्रादेशिक

कर्नाटक में 2024 से पहले ऑपरेशन हस्‍थ बनाम ऑपरेशन लोटस ने पकड़ा जोर

कर्नाटक में राजनीतिक परिदृश्य एक बार फिर गर्म हो रहा है। कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे के नेताओं को लुभाने के प्रयास में एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में यह ‘ऑपरेशन हस्त’ बनाम ‘ऑपरेशन लोटस’ बन गया है।

कर्नाटक राज्य विधानसभा में 136 सीटें जीतकर, पांच गारंटी योजनाओं को लागू करके और अपनी स्थिति मजबूत करके प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद आगामी चुनाव में कांग्रेस 20 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। फिलहाल राज्य की 28 में से 25 संसदीय सीटें बीजेपी के पास हैं।

उपमुख्यमंत्री व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, ने अवैध शिकार के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है और सीधे तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से विपक्षी पार्टी के नेताओं को तोड़ने का आह्वान किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने उत्तरी कर्नाटक में भाजपा के प्रमुख नेताओं को अपने साथ खींच लिया था। सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की 20 सीटों पर जीत सुनिश्चित कर शिवकुमार 2.5 साल के कार्यकाल के लिए सीएम पद पर दावा करने के लिए तैयार हैं।

दूसरी ओर, जद (एस) के साथ गठबंधन के बाद प्रतिस्पर्धी दिख रही भाजपा विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर एक जुआ खेलने की तैयारी में है। लेकिन यह कार्य लगभग असंभव प्रतीत होता है, पर नेताओं ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव में कर्नाटक बीजेपी 66 सीटें जीतने में कामयाब रही और 19 सीटों वाली जद (एस) के साथ गठबंधन के साथ संख्या 85 हो जाएगी। राज्य विधानसभा में जादुई संख्या 113 है और कांग्रेस के पास 136 सीटें हैं।

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने की भाजपा की साजिश काम नहीं करेगी। “हम इस साजिश को जानते हैं. इसके पीछे बड़े नेता हैं, लेकिन कुछ काम नहीं आएगा।”

कर्नाटक कांग्रेस विधायक गनीगा रवि ने आरोप लगाया था कि राज्य में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है और उनके सहयोगियों को 50 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश की जा रही है। विधायक गनीगा रवि ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा था कि वे पहले ही कांग्रेस के चार विधायकों से मिल चुके हैं और उनसे बात कर चुके हैं।

विधायक गनीगा रवि ने आगे कहा कि मैसूर क्षेत्र से एक एमएलसी, बेलगावी से एक पूर्व मंत्री और पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा के करीबी सहयोगी कांग्रेस विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहे हैं और कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि विधायक गनीगा रवि परोक्ष रूप से पूर्व भाजपा मंत्री सी.पी. योगेश्वर, पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली और येदियुरप्पा के पूर्व निजी सचिव एन.आर. संतोष का जिक्र कर रहे हैं। विधायक गनीगा रवि ने आगे कहा कि उन्हें इसके सबूत मिले हैं. यह बैठक बेंगलुरु के गोल्डफिंच होटल में आयोजित की गई थी। यह ऑफर पांच विधायकों को दिया गया था। वे पूरे राज्य में कांग्रेस विधायकों के लिए जाल बिछाने की योजना बना रहे हैं।

आईएएनएस से बात करते हुए, भाजपा प्रवक्ता यशस बी.एस. ने बताया कि कांग्रेस द्वारा खरीद-फरोख्त के आरोप सच्चाई से बहुत दूर हैं। “इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। बीजेपी का कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का कोई इरादा नहीं है, जो 136 सीटें जीतकर सत्ता में आई है। कांग्रेस के भीतर पहले से ही कई टीमें हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली, डिप्टी सीएम शिवकुमार, सीएम सिद्धारमैया की अपनी-अपनी टीम हैं।”.मंत्री डॉ. जी परमेश्वर भी खुद को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं और अंदरूनी कलह से ध्यान भटकाने के लिए ये आरोप लगाए जा रहे हैं।

“यह छिपाने के लिए कि गारंटी योजनाओं के कारण कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है, कांग्रेस सरकार टाइगर क्लॉ पेंडेंट विवाद लेकर आई थी। अब, वे कह रहे हैं कि कांग्रेस विधायकों को तोड़ा जा रहा है। पूर्व सीएम येदियुरप्पा और उनके पूर्व निजी सचिव एन.आर. संतोष के बीच अब कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस नेता सरकार को अस्थिरता की ओर धकेल रहे हैं। मंत्री सतीश जारकीहोली ने शिवकुमार का स्वागत नहीं किया और अलग-अलग बैठकें कीं। इन घटनाक्रमों से ध्यान हटाने के लिए, भाजपा पर अवैध शिकार के आरोप लगाए जा रहे हैं।”

केपीसीसी लीगल सेल के सचिव और प्रवक्ता सूर्यमुकुंद राज ने आईएएनएस को बताया कि छह महीने और 66 एमएलए सीटें जीतने के बाद भी विपक्ष का नेता नियुक्त नहीं करने का भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कदम इस बात का संकेत है कि ‘ऑपरेशन लोटस’ जारी है। वे पहली बार के विधायकों को अपने साथ लाने की योजना बना रहे हैं, जिनकी संख्या अच्छी है। लेकिन थोड़े बहुत मतभेद और नाराजगी के बावजूद कोई भी नेता पार्टी नहीं छोड़ने वाला है। आईटी विभाग द्वारा बेंगलुरु में भारी नकदी की जब्ती के संबंध में कांग्रेस को बदनाम करने की भाजपा की कोशिश फ्लॉप हो गई है।”

अन्य ख़बरें

यूपी में जगहों के नाम बदलना हमेशा गेमचेंजर नहीं होता

Newsdesk

विष्णु देव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री

Newsdesk

छत्तीसगढ़ में ट्रक कार में टक्कर मे दूल्हा दुल्हन समेत पांच की मौत

Newsdesk

Leave a Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy