पटना, 5 जून (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों के लोक सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का निर्देश दिया है, जिससे लोगों को और सुविधा मिल सके। उन्होंने इस कानून के प्रचार प्रसार पर भी जोर देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा की और कई निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत लोगों को सेवाएं के लिए जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर केंद्र बनाए गए हैं। पहले प्रमाणपत्र लेने के लिए काफी समय लगता था, इस कानून के बाद लोगों को निश्चित समय के अंदर सेवाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक 25 करोड़ से अधिक लोग आवेदन देकर इस कानून के माध्यम से सेवा ली है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सभी विभागों के लोक सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाएं, जिससे लोगों को और सुविधा हो सके।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की शुरुआत हुई थी। लोगों की शिकायत के समाधान के लिए इस कानून को लाया गया था। नीतीश ने कहा कि राज्य में 60 प्रतिशत से अधिक अपराध का कारण संपत्ति एवं भूमि विवाद है।
लोक शिकायत निवारण कानून के तहत भूमि संबंधी समस्या, बिजली बिल, सड़क, पुल के रखरखाव जैसे कई विषयों को समाहित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब लोग पथ-पुल के सही ढंग से रख रखाव नहीं होने पर इस कानून के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिससे सडक, पुलों का मेंटनेंस तो होगा ही जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलों में कानून के क्रियान्वयन का नियमित अनुश्रवण करें, जिससे इसमें सुधार किया जा सके।
उन्होंने कहा, “शिकायतों का नियत अवधि में निराकरण हो, अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें। अन्य प्रचार माध्यमों के साथ-साथ लोक चौपाल के द्वारा इस कानून के संबंध में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें, जिससे लोग लाभ उठा सकें।”