भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)| जल, जंगल और जमीन पर गहराए संकट से बच्चों को अवगत कराने के लिए चाइल्ड राइट्स आब्जर्वेटरी और बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ की मध्यप्रदेश इकाई ने राजधानी में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में जानकारों ने जल, जंगल और जमीन का महत्व बताने के साथ उसकी रक्षा के तरीके बताए। पृथ्वी दिवस को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य की पूर्व मुख्य सचिव और चाइल्ड राइट्स आब्जर्वेटरी की अध्यक्ष निर्मला बुच ने कहा कि पृथ्वी का हमारे जीवन में जो महत्व है उससे सभी अवगत हैं। आज जरुरत पृथ्वी यानी प्रकृति, जल, जंगल और जमीन को बचाये रखने की है।
छात्रों को नेशनल सेन्टर फार ह्यूमन सेटेलमेंट्स एण्ड एनवायरनमेंट के महा निदेशक डॉ. पी.के. नंदी ने संबोधित करते हुये उन्हे पृथ्वी पर पाई्र जाने वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टियों और उनसे होने वाले उत्पादन के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. नंदी ने छात्रों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले विभिन्न नतीजों से भी अवगत कराया।
स्वास्थ्य विभाग की उप संचालक निधि शर्मा ने बच्चों को सलाह दी कि वे जलवायु परिवर्तन के इस दौर में अच्छा खायें, पीयें और बंद दरवाजों से बाहर निकल कर खुले में खेलें साथ ही मोबाइल की आदत से छुटकारा पायें।
यूनिसेफ मध्यप्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने छात्रों को जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुये कहा कि इस कारण प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, अत्याधिक सर्दी और गर्मी का प्रभाव दुनिया में बढ़ रहा है। इसे रोकने में वृक्ष लगाकर और प्लास्टिक का कम से कम उपयोग कर बच्चे अपना योगदान दे सकते हैं।
इस आयोजन में सेवन हिल्स स्कूल के बच्चों और शिक्षकाओं ने ‘सोप बैंक’ की शुरूआत की। बैंक जमा हुईं साबुनों का उपयोग बच्चे के स्कूल में हाथ धोने के लिये करेंगे और जरुरी होने पर वे साबुन घर भी ले जा सकेंगे।