नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की हमेशा से ही विचाधारा की लड़ाई रही है। दोनों ही पार्टियां खुद को जनता का सेवक भी बताती रही है। ऐसी में हिंदुत्व, बुलडोजर व ज्ञानपावी आदि मसलों पर भाजपा आगे बढ़कर जनता के बीच इन्हें उतार रही है, वहीं कांग्रेस तमाम मुद्दों को उठाकर भी जनता के वोट पाने में नाकाम रही है, जिसे चुनावों में देखा गया है। ऐसी में सवाल है कि भाजपा के नव हिंदुत्व का मुकाबला कांग्रेस कैसे करेगी? इसपर कांग्रेस वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सासंद विवेक तन्खा ने कहा, “हर चीज का एक वक्त होता है एक ‘टाइड’ आई थी और यह अब खत्म हो रही है। मध्यप्रदेश के लोकल इलेक्शन मे हमें यह नजर आ रहा है। मैं हिंदी बेल्ट से इसका आकलन करता हूं। क्यूंकि साऊथ में कोई भाजपा को त्वज्जो नहीं देता है। लोग भाजपा से प्रश्न कर रहे हैं। एमपी में पंचायती चुनाव के दौरान बीजेपी के हिंदुत्व मुद्दे का असर नहीं रहा है।”
हिंदुत्व पर क्या कांग्रेस भाजपा से भिड़ेगी या महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाएगी? इस पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय मुद्दों को उठाएगी, भाजपा अपने मुद्दे उठाएगी, लेकिन जनता को फैसला करना है कि उनके हित में क्या है जिस दिन जनता भाजपा के बंटवारे की मुद्दों को समझ लेगी, जिससे राष्ट्र का नुकसान हो रहा है तब आप देखेंगे कि बीजेपी का सपोर्ट खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। वहीं जानता फिर कांग्रेस को सहयोग देने लगेगी।”
“भाजपा द्वारा उठाए गए राम मंदिर व अन्य मुद्दों का असर सिर्फ हिंदी बेल्ट राज्यों में ही हुआ है। लेकिन अब लोगों का झुकाव असल मुद्दों की तरफ जा रहा है हाल ही में अग्निपथ योजना के खिलाफ उठ रही आवाज से ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।”
छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान के अलावा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस क्या सोच रही है मुद्दों को सार्वजनिक करने के लिए? इस सवाल के जवाब में विवेक तन्खा ने कहा, “हम दिल्ली में बैठकर मध्य प्रदेश सुधा अन्य राज्यों में उठ रहे मुद्दों का आकलन नहीं कर सकते हैं। हमें वहां जाकर लोगों की बात सुननी होगी उसके बाद ही हम इस बात का आकलन कर सकेंगे कि भाजपा के मुद्दों व अन्य मुद्दों में जनता किसके साथ खड़ी है। राज्यों में मुद्दे बदल रहे हैं और यह बीजेपी के पक्ष में नहीं है।”
भाजपा बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है, क्या इससे राजनीतिक क्षेत्र पर असर पड़ेगा? इस पर उन्होंने कहा, “बुलडोजर के खिलाफ जो विरोध हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रश्न चिन्न उठा दिया है। भाजपा हर चीज को अपनाते हैं, जब उन्हें लगता है जनता बट रही है तो उसको आगे बढ़ाते हैं, लेकिन जब लगता है कि जनता सवाल उठाती है तो रोक देते हैं।”
ज्ञानवापी का मुद्दा आया सामने, इस पर कांग्रेस की क्या राय है? इस सवाल के जवाब में तन्खा ने बस इतना कहा कि “ज्ञानवापी का मसला कोर्ट में है, यह राजनितिक पार्टी का मुद्दा नहीं है।”