32.9 C
Jabalpur
April 25, 2024
सी टाइम्स
राष्ट्रीय

मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है, गांधी माफी नहीं मांगताः राहुल

नयी दिल्ली, 25 मार्च , कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के एक दिन बाद शनिवार को अपने किसी भी बयान के लिए माफी मांगने या खेद जताने से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा, “मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।”

श्री गांधी ने राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय पर विशेष रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके संसद की सदस्यता से अयोग्य किए जाने की कार्रवाई या उन्हें संसद में बोलने का मौका न दिए जाने का केवल एक कारण है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्यमी ‘अदानी जी’ के संबंधों पर उठ रहे सवाल से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं संसद में रहूं या संसद के बाहर रहूं। मैं इस मुद्दे को उठाता रहूंगा और इससे पर्दा उठाकर ही रहूंगा।”

श्री गांधी ने गौतम अदानी के नेतृत्व वाले अदानी उद्योग समूह तथा कथित शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह पैसा अदानी का हो नहीं सकता, क्योंकि उनके कारोबार में इस स्तर की नकद कमाई नहीं होती। उन्होंने अदानी को ‘भ्रष्ट’ बताते हुए कहा कि यह पैसा जब भारत में ड्रोन और मिसाइल जैसे उद्योगों में लगाया गया है, तो रक्षा मंत्रालय को इसकी चिंता क्यों नहीं होती कि इसमें किसका पैसा लगा हुआ है।

कांग्रेस नेता ने यह भी संकेत दिया कि अदानी के निवेशकों में ‘चीन का एक नागरिक भी’ है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता एवं विधि विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी के साथ संवाददाताओं के सामने आए श्री गांधी ने कहा, “मैं नरेन्द्र मोदी पर सवाल नहीं कर रहा हूं, मैं अदानी पर सवाल कर रहा हूं। आप अदानी को इसलिए बचा रहे हो, क्योंकि आप ही अदानी हो।”

सूरत की अदालत द्वारा 2019 के आपराधिक अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया, “कानूनी मुद्दों पर सवाल मेरी लीगल टीम से पूछे जा सकते हैं।”

उल्लेखनीय है कि श्री गांधी को सूरत के न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने गुरुवार को 2019 में आपराधिक मानहानि कारक उनके वक्तव्य को लेकर दायर मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के अंतर्गत कुसूरवार करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनायी है। सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने के लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया गया है।

श्री गांधी को दो साल की कारावास की सजा सुनाये जाने के निर्णय के एक दिन बाद शुक्रवार को संसद से उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गयी है। श्री गांधी को ऊपरी अदालत में दोषमुक्त नहीं किया जाता या उनको दोषी करार दिये जाने के फैसले पर रोक नहीं लगती, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और वह आठ साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेंगे।

श्री गांधी ने कहा कि वह संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, “आप मुझे मारे, पीटें या जेल में डालें। मैं डरने वाला नहीं।” कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने अदानी की कंपनियों में आये पैसे के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगने के अलावा, यह मुद्दा भी उठाया कि अदानी को नियम बदलकर हवाई अड्डे के परिचालन के लाइसेंस कैसे दिए गए, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ भाजपा का यह आरोप गलत और बेतुका है कि उन्होंने भारत में लोकतंत्र की रक्षा के लिए विदेशों से मदद मांगी थी।

श्री गांधी ने कहा, “मैंने लोकसभा अध्यक्ष से संसद में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने का समय मांगा था और उन्हें दो-दो पत्र लिखे थे लेकिन मुझे समय नहीं दिया गया। मैं अध्यक्ष के कक्ष में भी गया और उनसे कहा कि आप लोकतंत्र के रक्षक हैं। आप मुझे मौका दें, लेकिन उन्होंने केवल एक कप चाय की पेशकश भर की और मुझे मौका नहीं दिया गया।”

उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने उनके खिलाफ संसद में असत्य बोला। उन्होंने यह भी कहा कि संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड में उनका वह वक्तव्य आज नहीं है, जिसमें उन्होंने रक्षा उद्योग, एयरपोर्ट, श्रीलंका, बंगलादेश और ऑस्ट्रेलिया में अदानी समूह के निवेश के बारे में उल्लेख किया था।

श्री गांधी ने कहा कि उन्होंने विमान में अदानी और श्री मोदी की वह तस्वीर भी साझा की है, जिसमें प्रधानमंत्री जी बड़े आराम की मुद्रा में दिख रहे हैं। उन्होंने अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कई बार कहा कि उन्हें सदन के अयोग्य करार दिए जाने की कार्रवाई मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल है।

श्री गांधी ने कहा कि आज के हिन्दुस्तान में मीडिया और संस्थाएं विपक्ष का पहले की तरह साथ नहीं दे रही हैं, ऐसे में उनके लिए जनता में जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, “ मैं लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई के लिए लड़ रहा हूं। मैं डरता नहीं। ये लोग मुझे नहीं जानते।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि श्री मोदी और अदानी का रिश्ता बहुत पुराना है। श्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से दोनों के संबंध हैं। उऩ्होंने कहा कि वह सच्चाई को देख रहे हैं और इस रिश्ते को बेनकाब करके छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग भी अदानी समूह के साथ प्रधानमंत्री के संबंधों को जानते हैं, लेकिन वे मोदी जी से डरते हैं। उन्हें मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कहा गया है।

सूरत की अदालत के फैसले के संबंध में यह कहे जाने पर कि इस मामले में कानून ने अपना काम किया है, श्री गांधी ने कहा, “ मैं देश की न्याय व्यवस्था का सम्मान करता हूं। मैं संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में इस बारे में कोई बात नहीं करूंगा, आप ऐसे सवाल हमारी लीगल टीम से पूछ सकते हैं।”

अन्य ख़बरें

‘चुनावी बॉन्ड घोटाले’ की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

Newsdesk

महाराष्ट्र के यवतमाल में चुनावी रैली के दौरान नितिन गडकरी हुए बेहोश

Newsdesk

इंडी अलायंस परिवारवाद और भ्रष्टाचारी पार्टियों का गठबंधन : जेपी नड्डा

Newsdesk

Leave a Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy

Discover more from सी टाइम्स

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading