भोपाल, 22 दिसंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने पंचायत चुनावों केा लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया हैं। इसके मुताबिक चुनाव प्रक्रिया समय पर संपादित होगी, मगर नतीजे घोषित नहीं किए जाएंगे। ऐसा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित स्थानों पर चुनाव न होने के कारण हेा रहा हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बी.एस. जामोद ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निदेर्शानुसार त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में सभी पदों के लिये मतगणना का सारणीकरण तथा निर्वाचन परिणाम की घोषणा संबंधी कार्यवाही स्थगित रहेगी। इस संबंध में आयोग द्वारा अलग से निर्देश दिये जायेंगे।
जामोद ने बताया है कि आयोग द्वारा जारी निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार पंच और सरपंच के लिये मतदान केन्द्र और विकासखंड मुख्यालय पर की जाने वाली मतगणना तथा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए विकासखंड मुख्यालय पर ईवीएम से मतगणना की जाएगी। मतगणना से संबंधित समस्त अभिलेख उपस्थित अभ्यर्थियों और अभिकतार्ओं की उपस्थिति में सील बंद कर सुरक्षित अभिरक्षा में रखे जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि किसी भी पद पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति निर्मित होने पर रिटनिर्ंग ऑफिसर द्वारा अभ्यर्थी को न ही निर्वाचित घोषित किया जाएगा और न ही निर्वाचन का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित की गई है।
चुनाव प्रक्रिया को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कह , “अब राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणना के सारणीकरण व निर्वाचन परिणामो की घोषणा संबंधी कार्रवाई को स्थगित कर दिया है। पता नहीं प्रदेश में पंचायत चुनावो पर असमंजस और अनिश्चितता कब समाप्त होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने सदन में विश्वास दिलाया था कि बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे , नित नए आदेशों से असमंजस का माहौल बढ़ता जा रहा है। सरकार स्थिति स्पष्ट करें कि वह आखिर चाहती क्या है ,सरकार ओबीसी आरक्षण पर क्या कदम उठाने जा रही है ,न्यायालय कब जा रही है , क्या निर्णय ले रही है।”