चेन्नई, 17 अगस्त । फर्जी पासपोर्ट के साथ एक बांग्लादेशी नागरिक श्रीलंका जाने की फिराक में था। जिसे 13 अगस्त को केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और फर्जी पासपोर्ट रैकेट पर निगरानी बढ़ाने के लिए तमिलनाडु राज्य खुफिया को सतर्क कर दिया है।
गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक ने कहा कि उसे यूरोप की अपनी भविष्य की यात्रा के दौरान फर्जी पासपोर्ट पर श्रीलंका की यात्रा करनी थी, जहां वह बसना चाहता था।
पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि उसके दावों में कई प्वाइंट गायब हैं।
गौरतलब है कि चेन्नई और मदुरै दक्षिण भारत के दो प्रमुख शहर हैं जहां से पहले भी फर्जी रैकेट के कई मामलों का पता चला था।
तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों का एक बड़ा समूह है। उनमें से कई यूरोपीय देशों की यात्रा के लिए नकली (फर्जी) पासपोर्ट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ एजेंट हैं, जो इन लोगों की यात्रा में मदद करते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि निष्क्रिय हो चुका लिट्टे भी अब पुनरुद्धार की राह पर है। ऐसे नेटवर्क हैं जो अवैध और नकली पासपोर्ट हासिल करने के लिए उनका समर्थन करते हैं। नियमित गिरफ्तारियों और कार्रवाई के बाद भी फर्जी पासपोर्ट रैकेट कई संगठित गिरोहों की जरूरतों के कारण तेजी से बढ़ रहे हैं।
मई 2022 में, चेन्नई शहर पुलिस ने नकली पासपोर्ट तैयार करने के आरोप में एक तीन सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मोहम्मद इलियाज़ शेख, मोहम्मद बुखारी और उनके सहायक शिवकुमार के रूप में हुई थी।
गिरफ्तार किए गए लोग देश भर के लोगों से एक्सपायर्ड पासपोर्ट खरीदते थे और फिर उन पन्नों को हटा देते थे जिन पर वीजा की मुहर लगी होती थी और उनकी जगह ढीली शीट लगा देते थे। उस दौरान पुलिस ने कहा था कि इलियास ही इस रैकेट का सरगना था और फर्जी पासपोर्ट मामले में पहले भी दो बार जेल जा चुका था।
तमिलनाडु पुलिस रैकेट के सरगना इलियास से पूछताछ करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह हाल के फर्जी पासपोर्ट मामलों में शामिल था।
कुछ महीने पहले, कोयंबटूर हवाई अड्डे पर एक बांग्लादेशी नागरिक को नकली पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया गया था और उसने तब इमिग्रेशन अधिकारियों को बताया था कि उसे नकली पासपोर्ट चेन्नई से मिला था।