जबलपुर। इंस्टाग्राम के जरिए युवकों को फंसाने वाले एक हनी ट्रैप गैंग का जबलपुर पुलिस ने खुलासा किया है। गैंग की मास्टरमाइंड एक युवती है, जो अपने दो साथियों के साथ मिलकर युवकों को जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करती थी। लार्डगंज थाना पुलिस ने दो युवकों की शिकायत पर युवती सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में यादव कॉलोनी चौकी में तैनात दो आरक्षकों की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है।
मास्टरमाइंड युवती की पहचान नरसिंहपुर जिले के करेली निवासी के रूप में हुई है, जो करीब तीन महीने से जबलपुर में किराए के मकान में रह रही थी। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने दोनों संदिग्ध आरक्षकों को तुरंत लाइन अटैच कर दिया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
ऐसे फंसा बेलखेड़ा का युवक
जबलपुर के बेलखेड़ा निवासी 19 वर्षीय युवक की इंस्टाग्राम पर रागिनी शर्मा नाम की युवती से दोस्ती हुई। लगातार चैटिंग के बाद युवती ने उसे मिलने के लिए बुलाया और कहा कि वह जल्द ही नरसिंहपुर लौटने वाली है। युवक अपने रिश्ते के भाई के साथ जबलपुर पहुंचा। दोनों ने युवती के साथ चाय पी और फिर युवती उन्हें शताब्दीपुरम स्थित एक घर में ले गई।
वहाँ पहुंचकर युवती ने खाने-पीने और बीयर मंगाने के बहाने भाई को बाहर भेज दिया। कुछ देर बाद युवती ने अपने दो साथियों—साहिल और विवेक—को फोन कर बुला लिया। दोनों पहुँचते ही युवक से गाली-गलौज, मारपीट करने लगे और उसका वीडियो बनाने लगे। इसके बाद एक लाख रुपए की मांग कर धमकाया कि रकम नहीं देने पर वीडियो वायरल कर देंगे और युवती उन्हें रेप केस में फँसा देगी।
परिजन पहुंचे तो बुला लिए पुलिसकर्मी
डर के कारण दोनों भाइयों ने परिजनों को सूचना दी। परिजन मौके पर पहुँचे और पैसे देने से इनकार किया तो युवती और उसके साथी भड़क गए और यादव कॉलोनी चौकी में तैनात दो पुलिसकर्मियों को बुला लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कॉल करते ही सिर्फ पाँच मिनट में दोनों आरक्षक मौके पर पहुँच गए, जबकि सामान्य स्थिति में वहाँ पहुँचने में 10–15 मिनट का समय लगता है।
मौके पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों ने भी युवकों को धमकाया और कहा कि युवती की शिकायत पर सीधे जेल जाना पड़ेगा। जिसके बाद परिजनों ने तत्काल एसपी संपत उपाध्याय को इसकी जानकारी दी।
दो आरक्षक लाइन अटैच, संलिप्तता की जांच जारी
एसपी के निर्देश पर सीएसपी रितेश कुमार शिव ने प्राथमिक जांच की। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरक्षक सचिन जैन और सिद्धार्थ को लाइन अटैच कर दिया गया है। आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मी इस हनी ट्रैप गैंग को सहायता प्रदान करते थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वे इस गिरोह का हिस्सा थे या किसी प्रकार से सहयोग कर रहे थे।
एसपी ने माना है कि मामला गंभीर है और दोषी पाए जाने पर आगे निलंबन समेत कठोर कार्रवाई भी हो सकती है। पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि इस गैंग ने इससे पहले कितने युवकों को इसी तरह फंसाकर ब्लैकमेल किया है।


