अमरावती, 6 फरवरी | विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायकों को कार्यवाही रोकने के लिए मंगलवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
स्पीकर तम्मिनेनी सीतारम ने 10 टीडीपी सदस्यों को निलंबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनकी कुर्सी को घेर लिया और नारे लगाए और उन्हें कार्यवाही चलाने से रोका।
जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, टीडीपी विधायक खड़े होकर मांग करने लगे कि उनके स्थगन प्रस्ताव को महंगाई पर बहस के लिए लिया जाए। जैसे ही अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया, टीडीपी सदस्य सदन के वेल में आ गए।
वे बहस की अपनी मांग के समर्थन में नारे लगा रहे थे। अध्यक्ष की बार-बार अपील के बावजूद अपनी सीटों पर बैठने से इनकार करते हुए, उनमें से एक जोड़े ने कुछ कागजात ले लिए और अध्यक्ष की ओर टुकड़े फेंक दिए। उनमें से कुछ ने सीटियाँ भी बजाईं।
हंगामे के बीच अध्यक्ष ने चाय विश्राम की घोषणा की। जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो टीडीपी सदस्यों ने विरोध जारी रखा और महंगाई पर बहस पर जोर दिया।
मंत्री अंबाती रामबाबू ने टीडीपी विधायकों के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई। यह कहते हुए कि विपक्षी सदस्यों के मन में अध्यक्ष के प्रति कोई सम्मान नहीं है, उन्होंने आसन पर कागज के टुकड़े फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
टीडीपी विधायकों के विरोध जारी रखने पर स्पीकर ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित करने की घोषणा की। इस पर सदस्यों ने सदन छोड़ने से इनकार कर दिया तो, अध्यक्ष ने उन्हें बाहर निकालने के लिए मार्शलों को बुलाया।
निलंबित टीडीपी विधायकों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किंजरापु अचेन नायडू और अभिनेता एन. बालकृष्ण भी शामिल हैं।
टीडीपी विधायकों ने विधान परिषद में भी महंगाई का मुद्दा उठाने की कोशिश की और बहस पर जोर दिया।
इससे पहले टीडीपी विधायक और एमएलसी महंगाई की समस्या को उजागर करने के लिए रैली के रूप में विधानमंडल परिसर पहुंचे। हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी सरकार ने लोगों पर महंगाई, कर और शुल्क का बोझ डाला है।