34.3 C
Jabalpur
April 27, 2024
सी टाइम्स
खेल

ओलंपिक राउंडअप : सिंधु, अतानु दास ने भारत के लिए दिन की कड़वाहट कुछ कम की

टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)| 2016 के रियो ओलंपिक में बैडमिंटन रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने गुरुवार को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के साथ ही स्वर्ण पदक की दौड़ में वापसी की, जबकि तीरंदाज अतनु दास ने अंतिम-16 में प्रवेश किया। इसके अलावा पुरुष हॉकी टीम ने चैंपियन अर्जेंटीना को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। हालांकि, सिंधु, हॉकी टीम और दास की बदौलत जिस दिन की अच्छी शुरूआत हुई, वह निराशाजनक तौर पर समाप्त हुआ, क्योंकि मुक्केबाजी की दिग्गज एमसी मैरी कॉम प्री-क्वार्टर फाइनल में हार गईं। 2016 की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता कोलंबिया के इंग्रिट वालेंसिया ने महिला 51 किग्रा (फ्लाईवेट) राउंड ऑफ-16 में विभाजित निर्णय के आधार पर छह बार की विश्व चैम्पियन को हराया।

इस हार ने एक शानदार करियर पर से पर्दा उठा दिया, जिसमें मैरी ने छह विश्व चैंपियनशिप खिताब और एक ओलंपिक कांस्य सहित कई अहम खिताब जीता। मैरी ने 2012 में महिला मुक्केबाजी ने लंदन में अपनी शुरूआत की और उसी साल कांस्य जीता थ।

निशानेबाज मनु भाकर ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल क्वालीफाईंग में पांचवें स्थान पर रहते हुए शुक्रवार को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद बनाए रखी है। अगर वह दो राउंड के रैपिड फायर सेक्शन में अच्छा प्रदर्शन करके शुक्रवार के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लेती हैं तो वह सौरभ चौधरी के बाद टोक्यो में एक शूटिंग इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय होंगी। इन दोनों के अलावा 15 सदस्यीय भारतीय शूटिंग दल के हर एक सदस्य ने निराश किया है।

मनु की हमवतन राही सरनोबत, जिन्होंने ओलंपिक से ठीक पहले क्रोएशिया में विश्व कप स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था, लय के लिए संघर्ष करते हुए 287 के स्कोर के साथ 25वें स्थान पर रहीं।

लेकिन गुरुवार का दिन सिंधु और अतानु दास का था क्योंकि वे एक पदक की दौड़ में बने रहे। अब देखने वाली बात यह है कि क्या वे भारोत्तोलक सैखोम मीराबाई चानू की राह पर चलते हुए पदक जीत पाते हैं या नहीं।

रियो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकीं सिंधु ने गुरुवार को मुशाशीनो फॉरेस्ट प्लाजा कोर्ट नम्बर-3 पर डेनमार्क की मिया ब्लीचफेट को सीधे गेम में हराया। सिंधु ने 41 मिनट तक चले मुकाबले में मिया के खिलाफ 21-15, 21-13 से जीत दर्ज की।

23 वर्षीय मिया न सिंधु पर हावी होने की कोशिश की, इस दौरान कुछ शटल कोर्ट से बाहर गए, जो उनके पक्ष में नहीं गए। इसके लिए भारतीय खिलाड़ी ने कोर्ट को कवर करने की पूरी कोशिश की। अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में कम गलतियां करते हुए सिंधु ने पहले गेम में 10-5 की बढ़त बना ली।

मिया के बैकहैंड फोरकोर्ट पर एक क्रॉसकोर्ट स्मैश ने सिंधु को 11-6 से बढ़त दिला दी। उसी एरिया में एक गलती हुई और सिंधु 12-6 से आगे हो गईं। हालांकि, 26 वर्षीय सिंधु की बढ़त कम हो रही थी, जब मिया ने वापसी के लिए कई शानदार कोशिशें की। मिया ने स्मैश के साथ कुछ बेहतरीन रैलियां की और स्कोर को 11-13 कर दिया।

इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने शानदार खेल दिखाया और डेनमार्क की खिलाड़ी को कोई मौका दिए बिना गेम को 21-15 से अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम की शुरूआत हुई तो सिंधु ने स्मैश की झड़ी लगा दी। इस कोशिश के बाद मिया से कई गलतियां हुई, जिसकी बदौलत सिंधु ने 5-0 की बढ़त हासिल कर ली।

दूसरे गेम में पिछड़ने के बाद मिया की सर्विस भी सही नही हो रही थी। सिंधु ने इसके बाद फोरहैंड कॉर्नर के करीब एक शानदार क्रॉसकोर्ट लगाया 9-4 से बढ़त बना ली। धीरे- धीरे गेम में भारतीय खिलाड़ी की पकड़ मजबूत होती जा रही थी गेम ब्रेक तक सिंधु ने 11-6 की बढ़त हासिल कर ली थी।

मिया की ओर से लगातार गलतियां होती रहीं और सिंधु लगातार हावी होती जा रही थीं। सिंधु ने 20-11 से बढ़त बना ली। इसके बाद डेनमार्क की मिया ने दो गेम प्वाइंट बचाए लेकिन वो अपना मुकाबला बचाने में असफल रहीं। इस तरह भारतीय खिलाड़ी ने जीत के बाद क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है।

सिंधु ने ग्रुप जे में टॉप पर रहते हुए नॉकआउट दौर के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने अपने दोनों ग्रुप चरण के मैच जीते थे।

बैडमिंटन में अब सिंधु से ही पदक की उम्मीद है। पुरुष एकल में बी. साई प्रणीत और पुरुष युगल में सात्विक साईराज वेंकीरेड्डी तथा चिराग शेट्टी की जोड़ी पहले ही बाहर हो चुकी है। यामागुची की बात की जाए तो उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की गायुन किम को 2-0 से हराया। यामागुची ने यह मै 21–17, 21-18 से जीता।

बारानगर, पश्चिम बंगाल के 29 वर्षीय खिलाड़ी ने गुरुवार को राउंड ऑफ 16 मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया, जो उनके अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है, क्योंकि उन्होंने पांच राउंड के बाद सेट पॉइंट्स पर कोरियाई को 5-5 से बराबरी करने के दबाव में शानदार शूटिंग की।

जिनहाइक के खिलाफ, दास ने दूसरे सेट में जोरदार वापसी की, जब जिंहाइक ने पहले 26-25 से जीत दर्ज की थी। दोनों तीरंदाजों ने अस्थायी रूप से शुरूआत की थी, लेकिन कोरियाई ने तीन तीरों में 8, 9 और 9 पर निशाना साधा, जबकि दास केवल 8, 8 और 9 अंक हासिल कर सके।

हालांकि, दास ने दूसरे सेट में 27-27 से बराबरी हासिल करने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। कोरियाई खिलाड़ी के आठ अंक बनाने के बाद नौ अंक बनाकर दूसरे सेट में 10 रन बनाए। दोनों तीरंदाजों ने दूसरे सेट में अपने पहले तीर पर नौ अंक बनाए।

3-1 से पिछड़ने के बाद, दास ने तीसरे सेट में तीन 9 शॉट लिए और सेट जीतने का एक मौका गंवा दिया क्योंकि उनके पास अपने तीसरे तीर पर 10 अंक बनाकर इसे जीतने का मौका था, लेकिन केवल नौ अंक जुटा सके। यह सेट 27-27 की बराबरी पर रहा।

कोरियाई तीरंदाज चौथे सेट में फंस गए क्योंकि उन्होंने एक सात और उसके बाद एक चौंकाने वाले छक्का। दास ने आठ, नौ और 10 के स्कोर से सेट 27-22 से जीत लिया और 4-4 से बराबरी कर ली। अंतिम सेट में, भारतीय तीरंदाज के पास अंतिम तीर पर 10 के साथ मैच जीतने का मौका था, लेकिन वह केवल नौ जुटा सके।

जिंहाइक, जिसका खेल मैच के आगे बढ़ने के साथ बिगड़ गया था, ने इस सेट में 10, 9 और 9 का स्कोर किया और दास ने शॉट के लिए शॉट का मिलान किया और वे 28-28 से बराबरी पर थे। दोनों को इस सेट से एक-एक अंक मिलने के साथ, स्कोर 5-5 की बराबरी पर था, जिससे मैच एक-एरो शूटआउट में बदल गया।

शूटआउट में, जिनहाइक केवल नौ अंक ले सके जबकि दास ने 10 अंक लेकर 6-5 से यह मैच जीत लिया।अगले दौर में दास का सामना जापान के ताकाहारू फुरुकावा से होगा और एक जीत उन्हें पदक दौर के करीब पहुंचा देगी।

दास का ध्यान केंद्रित था, बहुत रचनाशील था और उसने अपनी एकाग्रता नहीं खोई थी क्योंकि कुछ प्रतियोगियों ने अविश्वास में देखा था। अब वह शनिवार को जापान के ताकाहारू फुरुकावा से भिड़ेंगे।

अंतिम क्वार्टर में किए गए दो शानदार गोलों की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को खेले गए अपने चौथे ग्रुप मैच में मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 3-1 से हरा दिया।

भारत की यह चार मैचों में तीसरी जीत है। अब उसके खाते में 9 अंक हो गए हैं और वह अपने ग्रुप-ए में आस्ट्रेलिया (12) के बाद मजबूती से दूसरे क्रम पर विराजमान है। भारतीय टीम का अगले दौर में जाना तय हो गया है।

भारत के लिए वरुण कुमार ने 43वें, विवेक सागर प्रसाद ने 58वें और हरमनप्रीत सिंह ने 59वें मिनट में गोल किए। अर्जेंटीना के लिए एकमात्र गोल 48वेंमिनट में स्कुथ कासेला ने किया। शुरूआत के दो क्वार्टर गोलरहित जाने के बाद भारत ने तीसरे क्वार्टर के अंत में गोल कर 1-0 की लीड ली थी। भारत के लिए यह गोल वरुण कुमार ने पेनाल्टी कार्नर पर किया था।

अब भारत के सामने इस गोल को बचाए रखने की जिम्मेदारी। दूसरी ओर, मौजूदा चैम्पियन ने अपने हमले तेज कर दिए। इसी क्रम में 47वें मिनट में उसे पेनाल्टी कार्नर मिला, जिसे 48 मिनट में गोल में बदलकर स्कुथ कासेला ने स्कोर 1-1 कर दिया।अब मामला फिर वही हो गया था जो तीसरे क्वार्टर के मध्य तक था। अब दोनों टीमें आगे निकलने के लिए होड़ लगा रहीं। इस होड़ में भारत को सफलता मिली। उसने 58वें मिनट में गोल कर 2-1 की लीड ले ली

भारत के लिए यह गोल विवेक सागर ने किया। यह एक मैदानी गोल था।इस गोल से उत्साहित भारत ने फिर हमला किया और 59वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर हासिल किया। इस पर गोल कर हरमनप्रीत सिंह ने भारत की यादगार जीत पक्की कर दी।अब भारत को अपने अंतिम ग्रुप मैच में मेजबान जापान से भिड़ना है।

भारत की ओर से पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं 38 वर्षीय मैरीकोम को वालेंसिया ने करीबी मुकाबले में 3-2 से हराया।

2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकोम के इस तरह प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हारने से भारत की पदक की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मैरीकोम ने वालेंसिया को 2019 में विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में 5-0 से हराया था लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा।

32 वर्षीय वालेंसिया अपने प्रदर्शन से जहां तीन जजों को प्रभावित करने में कामयाब रहीं वहीं मैरीकोम से दो जज ही प्रभावित हुए। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता वालेंसिया को पहले राउंड में चार जजों ने 10-10 अंक दिए जबकि मैरीकोम को सिर्फ एक जज ने 10 अंक दिए।

दूसरे और तीसरे राउंड में मैरीकोम को तीन जजों ने 10-10 अंक दिए जबकि इन राउंड में वालेंसिया को दो जजों ने 10-10 अंक दिए। हालांकि, पहले राउंड में वालेंसिया को मिली बड़ी बढ़त के आधार पर फैसला मैरीकोम के खिलाफ गया।

मैरीकोम का यह आखिरी ओलंपिक हो सकता है। इससे पहले, उन्होंने पहले राउंड में डोमिनिका गणराज्य की मिगुएलिना हेरनांडेज गार्सिया को 4-1 से हराया था लेकिन वह प्री क्वार्टर फाइनल की बाधा पार नहीं कर सकीं और ओलंपिक में उनका सफर यहीं समाप्त हुआ।

सुपर हैवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार ने राउंड आफ 16 में जमैका के रिकाडरे ब्राउन के खिलाफ अकतरफा जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारतीय ध्वज को बॉक्सिंग रिंग में लहराया। कुमार इस भार वर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय हैं।

अन्य ख़बरें

शतरंज जीएम गुकेश और अन्य पर विचार कर सकते हैं ब्रांड मालिक

Newsdesk

टी20 विश्व कप के लिए भारत की संभावित टीम पर एक नजर

Newsdesk

लक्ष्य का पीछा करने में हैदराबाद अपना दृष्टिकोण बदले : वेटोरी

Newsdesk

Leave a Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy

Discover more from सी टाइम्स

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading