32.5 C
Jabalpur
May 19, 2024
सी टाइम्स
राष्ट्रीय

पीएम मोदी के अयोध्या में रोड शो से फिर चहुंओर छिड़ी राम मंदिर पर चर्चा

नई दिल्ली, 6 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या में रोड शो एक शानदार नजारा था, जो प्राचीन शहर के गहरे सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व को रेखांकित करता है।

भगवान राम के प्रति उत्कट भक्ति की पृष्ठभूमि में रोड शो ने राजनीतिक संदेश के साथ धार्मिक भावना का मिश्रण करते हुए प्रतीकात्मक महत्व ले लिया।

दूसरे शब्दों में, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले अयोध्या में हुए इस आयोजन ने देश में धर्म, पहचान और चुनावी राजनीति के बीच जटिल अंतरसंबंध को रेखांकित किया।

निस्संदेह, यह आयोजन भाजपा को राम मंदिर पर चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

यह कहने की जरूरत नहीं कि भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में प्रतिष्ठित अयोध्या दुनियाभर के लाखों हिंदुओं के दिलों में विशेष स्थान रखती है।

मौजूदा लोकसभा चुनावों के बीच प्रधानमंत्री की अयोध्‍या यात्रा का काफी प्रतीकात्मक महत्व है। रोड शो की बहुत ही सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी, जिसमें हजारों उत्साही समर्थक प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए सड़कों पर खड़े थे।

माहौल जोशपूर्ण था, जिससे पीएम मोदी के समर्थकों में एकता और उद्देश्य की भावना पैदा हुई।

पीएम मोदी ने राम मंदिर मुद्दे के साथ खुद को जोड़कर हिंदू मतदाताओं के बीच समर्थन को मजबूत करने का लक्ष्य रखा, जिससे भाजपा को ऐसी पार्टी के रूप में दिखाया जा सके जो हिंदू हितों की रक्षा के लिए तत्‍पर है। विश्लेषकों के अनुसार, अयोध्या में रोड शो भाजपा के मतदाता आधार, विशेषकर हिंदू मतदाताओं के बीच ऊर्जा बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम था।

राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पीएम मोदी के वादे को पूरा करने और खुद को हिंदू हितों के संरक्षक के रूप में पेश करके भाजपा का लक्ष्य राज्यों के कई निर्वाचन क्षेत्रों में अपना समर्थन मजबूत करना है, खासकर उत्तर प्रदेश में, जहां अयोध्या का बहुत महत्व है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अयोध्या में पीएम मोदी का रोड शो विपक्षी दलों पर प्रभावी प्रतिक्रिया देने का दबाव बनाएगा।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस जैसी पार्टियों और समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ियों को अब राम मंदिर मुद्दे के आसपास की धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान से देखने के साथ-साथ शासन और विकास की व्यापक चिंताओं पर भी सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

कहने की जरूरत नहीं कि अयोध्या का प्रतीकवाद उत्तर प्रदेश से परे फैला हुआ है और देश के अन्य हिस्सों में चुनावी गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और राम मंदिर के निर्माण की भाजपा की कहानी देशभर में बहुसंख्यक हिंदू मतदाताओं के साथ गूंजती है, जो संभावित रूप से उत्तर प्रदेश से परे राज्यों में चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

अन्य ख़बरें

निखत, मीनाक्षी के स्वर्ण सहित भारतीय मुक्केबाजों ने जीते 12 पदक

Newsdesk

सिफ्त कौर और नीरज कुमार ने ओलंपिक चयन ट्रायल में जीत हासिल की

Newsdesk

जितेश शर्मा हैदराबाद के खिलाफ पंजाब के अंतिम मैच में कप्तानी संभालेंगे

Newsdesk

Leave a Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy

Discover more from सी टाइम्स

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading