जबलपुर, 9 मई (आईएएनएस)| कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के कारण ग्रामीण इलाकों में भी मरीजों की संख्या बढ रही है। हालांकि मध्य प्रदेश् के जबलपुर से अच्छी खबर आई है जहां की 226 ग्राम पंचायतों में कोरोना प्रवेश नहीं कर सका हैं। यहां के गांव में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है। बताया गया है कि जबलपुर जिले की 516 ग्राम पंचायतों में से 226 ग्राम पंचायतों में कोरोना नही पहुँच पाया। यहां ग्रामीणों ने जनता कर्फ्यू के चलते गांव के प्रवेश द्वार तक को सील कर दिया। वे सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने का पालन सख्ती से कर रहे हैं । जो नियम तोड़ता है उसके खिलाफ गांव में ही जुर्माना लगाया जाता है। इसी का नतीजा है कि इन गांवों में कोरोना के मरीज नहीं है।
जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के जिन ग्राम पंचायतों में कोरोना पॉजिटिव केस नहीं है उनमें जबलपुर जनपद के 42, पनागर के 18, पाटन की 11, शहपुरा व कुंडम के 46 – 46, सिहोरा के 29, मझौली के 34 ग्राम पंचायत शामिल है। इन इलाकों में एक्टिव केस नहीं पाये गये।
राज्य में मेरा गांव कोरोना मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने गांव में कोरोना कर्फ्यू पर अमल करे। ज्यादा से ज्यादा घरों में रहे, बहुत जरुरी हो, तभी घर से बाहर निकले। मुख्यमंत्री की इस अपील और प्रशासन की सख्ती के बाद राज्य के कई हिस्सों के ग्रामीण इलाकों में गांव वालों ने ही जनता कर्फ्यू लगा रखा है, गांव में लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जाता और नही बाहर जाने दिया जाता है।
गांव के प्रवेश मार्ग पर बैरिकेट्स लगाए गए है और आने-जाने वालों का लेखा-जोखा भी तैया किया जाता है। इसके अलावा गांव के बाहर ही क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। जो लोग बाहर से लौट रहे है उन्हें इन क्वारंटीन सेंटरों में रहना होता है। उसके बाद ही वे गांव में अपने घरों को जा पा रहे है। इसका असर कई स्थानों पर देखने केा भी मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में मरीज भी कम सामने आ रहे है। इससे सरकार को राहत है।