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June 2, 2023
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मोदी, शाह और योगी के प्रचार के भरोसे है भाजपा

बेंगलुरु, 30 अप्रैल | कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रयोग करने जा रही है। उसने 72 नए चेहरों को मैदान में उतारा है जबकि कई दिग्गज नेताओं के टिकट काटकर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट पाने की उम्मीद कर रही है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, भगवा पार्टी इस बार काफी हद तक राष्ट्रीय नेताओं द्वारा बनाई जाने वाली लहर पर निर्भर है।

पार्टी नेतृत्व ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कई बैठकों, जनसभाओं और रोड-शो की योजना बनाई है ताकि सत्ता विरोधी भावना का असर कम किया जा सके।

चुनाव की घोषणा के बाद अमित शाह राज्य के अपने दौरे का पहला चरण पूरा कर चुके हैं। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक, तटीय क्षेत्र और उत्तर कर्नाटक का दौरा किया है।

पीएम मोदी पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर चुके हैं। चुनावी राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन उन्होंने उत्तरी कर्नाटक में तीन सार्वजनिक रैलियों को संबोधित किया और शनिवार को बेंगलुरु में एक बड़ा रोड शो किया।

मोदी रविवार को दक्षिण कर्नाटक में रैलियां करेंगे, जिसमें चन्नापटना भी शामिल है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री जनता दल (एस) के एच.डी. कुमारस्वामी चुनाव लड़ रहे हैं।

भाजपा ने चन्नपटना से सी.पी. योगेश्वर को टिकट दिया है। जद-एस ने मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाते हुए भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी है कि भले ही वह अमेरिका या रूस के राष्ट्रपतियों को अपने साथ जोड़े, जद-एस को परवाह नहीं है।

पीएम मोदी हासन में भी रैली कर रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा का पैतृक स्थान है और मैसूरु के ऐतिहासिक शहर में स्थित है।

भाजपा को उम्मीद है कि मोदी के तूफानी दौरे से उसके पक्ष में लहर बनेगी और दक्षिण कर्नाटक में उसके उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र में भाजपा को जद-एस और कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवारों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यहां भाजपा की जड़ें इतनी मजबूत नहीं हैं।

भगवा पार्टी ने राज्य भर में प्रधानमंत्री की लगभग 20 से 25 सार्वजनिक रैलियां, बैठकें और रोड शो आयोजित करने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी भी राज्य में डेरा डाले हुए हैं।

बेंगलुरु में शनिवार को बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, मैं कर्नाटक का सेवक हूं और मैं राज्य के लिए सब कुछ करना चाहता हूं। मेरे लिए कर्नाटक एक महत्वपूर्ण राज्य है। मुझे आपके आशिर्वाद की जरूरत है। एक नई टीम तैयार की गई है जो अमृत काल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह नई भावना और पुरानी जड़ों का मिश्रण है। मजबूत टीम तैयार है और इसे आपके समर्थन की जरूरत है।

मोदी ने कर्नाटक के मतदाताओं से भी वादा किया की कि वह राज्य के कल्याण के लिए पूरी नई दिल्ली की पूरी ताकत झोंक देंगे।

मोदी ने कहा, मैं यहां बहुमत की सरकार चाहता हूं। मैं दोहराता हूं, पूर्ण बहुमत। विकास, बुनियादी ढांचे आदि के लिए डबल इंजन सरकार की जरूरत है। कर्नाटक को कांग्रेस का एटीएम बनने की बजाय देश का विकास इंजन बनना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार आर.वी. शिवनंदन ने आईएएनएस से कहा कि हालांकि पीएम मोदी और अमित शाह की रैलियों तथा कार्यक्रमों की श्रंखला से भाजपा को मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि वे घबराए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से मोदी और शाह के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, इससे उनकी कमजोरी साफ झलकती है।

उन्होंने कहा, भाजपा से इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। हालांकि चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भाजपा की हार की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन पार्टी की जनशक्ति, बाहुबल और विशाल संसाधनों को देखते हुए, भगवा खेमा अब भी बढ़त में है।

शिवनंदन ने यह भी कहा कि कमजोर बिंदुओं पर रोड शो सावधानीपूर्वक आयोजित किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, उत्तर कर्नाटक में शाह ने दो बार बसवा कल्याण का दौरा किया जो एक गलत संकेत भेजता है। मोदी के रोड शो कालाबुरागीउत्तर और दक्षिण में होने हैं जहां भाजपा कमजोर है। मोदी का करिश्मा निश्चित रूप से पार्टी की मदद करेगा, लेकिन इससे यह भी पता चलेगा िकि पार्टी की जमीन हिल रही है।

शिवनंदन ने कहा कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे केंद्रीय मंत्री कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और इस तरह के प्रचार को समझना मुश्किल है।

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि चूंकि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई या राज्य का कोई और नेता एक जननेता के रूप में उभरने में विफल रहा है, इसलिए पार्टी के लिए मोदी और शाह के प्रचार पर निर्भर रहना उसकी मजबूरी हो गई है।

कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि यह बोम्मई और पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा का अपमान है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी उनका नाम नहीं लिया या राज्य सरकार की किसी योजना का जिक्र नहीं किया।

उन्होंने कहा, इससे ज्यादा इस बात का और क्या सबूत चाहिए कि प्रधानमंत्री को अपनी ही पार्टी के नेताओं और सरकार पर भरोसा नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा, कर्नाटक के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि 40 फीसदी कमीशन वाली भाजपा को इस बार 40 सीटें कम मिलेंगी।

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