नई दिल्ली, 2 अगस्त (आरएनएस) । राजधानी दिल्ली के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करने के लिए केजरीवाल सरकार कमर कस के तैयारी कर रही है। इस दिशा में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कमर कस ली है और संक्रमण को रोकने के लिए सभी जरुरी तैयारियां शुरू कर दी है। इस दिशा में दिल्ली सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 20 आइसोलेशन रूम्स, गुरुतेग बहादुर अस्पताल में 10 आइसोलेशन रूम्स व डॉ.बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल में 10 आइसोलेशन रूम्स आरक्षित किए है। साथ ही 3 अन्य प्राइवेट अस्पतालों में भी 10-10 आइसोलेशन रूम्स की व्यवस्था की गई है जिनमें कैलाश दीपक अस्पताल, एमडी सिटी अस्पताल व बत्रा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर तुगलकाबाद शामिल है। सरकार की इन तैयारियों के विषय में साझा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत में अभी मंकीपॉक्स के बहुत ज्यादा मामले सामने नहीं आए है उसके बावजूद हम किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है। दिल्ली सरकार मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।मनीष सिसोदिया ने कहा कि, मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है लेकिन इससे डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और इस संक्रामक रोग से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमने वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपने कई अस्पतालों में आइसोलेशन रूम्स की व्यवस्था की है।उन्होंने आगे कहा कि मंकीपॉक्स के संदिग्ध/पुष्टि मामलों के उपचार के लिए दिल्ली सरकार के 3 प्रमुख सरकारी अस्पतालों लोक नायक अस्पताल में 20 आइसोलेशन रूम्स, गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 10 आइसोलेशन रूम्स और डॉ बाबा साहब में 10 आइसोलेशन रूम्स की व्यवस्था की गई है। साथ ही सरकार द्वारा 3 निजी अस्पताल जिसमें विकास मार्ग एक्सटेंशन स्थित कैलाश दीपक अस्पताल, मॉडल टाउन स्थित एमडी सिटी अस्पताल व तुगलकाबाद स्थित बत्रा अस्पताल में 10-10 आइसोलेशन रूम्स की व्यवस्था की गई है। और जरुरत पढ़ने पर इनकी संख्या को और बढ़ाया जा सकता है। इन सभी अस्पतालों में संक्रमण से लड़ने के लिए वैश्विक मानकों को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्था की गई है।75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आ चुके थे जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंकीपॉक्स को “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी” घोषित किया गया है। भारत में भी अबतक मंकीपॉक्स के सात मामले सामने आए, जिनमें से दो मामले दिल्ली के है, इन दोनों मरीजों का लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पिछले 21 दिनों के भीतर मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास रखने वाले किसी भी उम्र का व्यक्ति जिसमें सूजे हुए लिम्फ नोड्स, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द या कमजोरी के साथ गहरे दाने होना आदि के लक्षण देखने को मिलते है वह मंकीपॉक्स से संक्रमित संदिग्ध हो सकता है। आमने-सामने एक्सपोजर; त्वचा या त्वचा के घावों के साथ सीधे शारीरिक संपर्क या संक्रमित द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री जैसे कपड़े, बिस्तर या बर्तन के संपर्क में आने से यह बीमारी फैल सकती है।